
इस बार अष्टमी शुक्रवार यानि कि 23 अक्टूबर को दोपहर से शुरु हो जाएगी. दोपहर 12.09 बजे से अष्टमी शुरु होकर अगले दिन शनिवार को सुबह 11.27 बजे तक रहेगी. इस लिहाज़ से महाष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को होगा. अगर आप अष्टमी पूजते हैं तो 24 अक्टूबर को कन्या पूजन कर सकते हैं.
25 अक्टूबर को है महानवमी
वहीं महानवमी 24 अक्टूबर से 11.28 बजे से शुरु होकर 25 अक्टूबर को सुबह 11.14 बजे तक रहेगी. इसीलिए नवमी पर कन्या पूजन रविवार को करना उचित होगा. वहीं चूंकि रविवार सुबह 11. 15 बजे से दशमी की तिथि प्रारंभ हो जाएगी, इसीलिए दशहरा 25 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा.
कन्या पूजन की विधि
सप्तमी, अष्टमी व नवमी के दिन कन्या पूजन का खास महत्व होता है. इसकी भी एक खास विधि है –
- नवरात्रि में जब भी कन्या पूजन हो और बाल कन्याएं घर पर आएं तो सबसे पहले उनके पैर धुलवाएं
- उन्हें स्वच्छ आसन पर बैठाएं.
- हाथों पर मौली बांधे, माथे पर टीका लगाएं
- हलवा, पूरी और चने का भोग बाल कन्याओं को लगाएं
- कन्याओं को लाल चुनरी उठाएं, चूड़ियां भेंट करें
- फल भी दें और भोग के बाद दक्षिणा स्वरूप कुछ पैसे दें.
- जानें से पहले उनसे आशीर्वाद ज़रुर लें.
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